Thursday Apr 02, 2020

Mere Mehboob Qayamat Hogi

मेरे महबूब क़यामत होगी आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी मेरी नज़रें तो गिला करती हैं तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी मेरे महबूब तेरी गली मैं आता सनम नगमा वफ़ा का गाता सनम तुझसे सुना ना जाता सनम फिर आज इधर आया हूँ मगर ये कहने मैं दीवाना ख़त्म बस आज ये वहशत होगी आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी मेरे महबूब मेरी तरह तू आहें भरे तू भी किसी से प्यार करे और रहे वो तुझसे परे तूने ओ सनम ढायें हैं सितम तो ये तू भूल न जाना के ना तुझपे भी इनायत होगी आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी मेरे महबूब क़यामत होगी आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी मेरी नज़रें तो गिला करती हैं तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी मेरे महबूब --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. //anchor.fm/app --- Send in a voice message: //anchor.fm/theabbie/message Support this podcast: //anchor.fm/theabbie/support

Comments (0)

To leave or reply to comments, please download free Podbean or

No Comments

Version: 20241125