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Thursday Apr 02, 2020
Haal Kaisa Hai Janab Ka
हाल कैसा है जनाब का? क्या खयाल है आपका? तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ हाल कैसा है जनाब का? क्या खयाल है आपका? तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ बहकी! बहकी! चले है पवन, जो उड़े है तेरा आँचल छोड़ो! छोड़ो! देखो देखो गोरे-गोरे काले-काले बादल बहकी! बहकी! चले है पवन जो उड़े है तेरा आँचल छोड़ो! छोड़ो! देखो देखो गोरे-गोरे काले-काले बादल कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है ज़रा नज़र को संभालना आ आ आ आ हाल कैसा है जनाब का? हाय! क्या खयाल है आपका? हाय! तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ पगली! (आं) पगली! (ओ) कभी तूने सोचा रस्ते में गये मिल क्यूं पगले! (अँ) पगले! (आँ) तेरी बातों-बातों में धड़कता है दिल... आ हा, पगली! पगली! कभी तूने सोचा रस्ते में गये मिल क्यूं पगले! पगले! तेरी बातों-बातों में धड़कता है दिल क्यूं कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है ज़रा नज़र को संभालना हा... हाल कैसा है जनाब का? हाय हाय! क्या खयाल है आपका? तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ कहो जी! कहो जी! रोज़ तेरे संग यूँ ही दिल बहलायें क्या सुनो जी! सुनो जी! समझ सको तो खुद समझो बताएं क्या कहो जी! (हाँ) कहो जी! (ए हा) रोज़ तेरे संग यूँ ही दिल बहलायें क्या सुनो जी! आ हा, सुनो जी! समझ सको तो खुद समझो बताएं क्या कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है ज़रा नज़र को सम्भालना हाय! हाल कैसा है जनाब का? क्या खयाल है आपका? तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ हाल कैसा है जनाब का? क्या खयाल है आपका? तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ हाल कैसा है जनाब का? क्या खयाल है आपका? तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. //anchor.fm/app --- Send in a voice message: //anchor.fm/theabbie/message Support this podcast: //anchor.fm/theabbie/support
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