Monday Mar 30, 2020

Din Dhal Jaye

दिन ढल जाये हाय रात ना जाय तू तो न आए तेरी याद सताये दिन ढल जाये हाय रात ना जाय तू तो न आए तेरी याद सताये दिन ढल जाये प्यार में जिनके सब जग छोड़ा और हुए बदनाम उनके ही हाथों हाल हुआ ये बैठे हैं दिल को थाम अपने कभी थे अब हैं पराये दिन ढल जाये हाय रात ना जाय तू तो न आए तेरी याद सताये दिन ढल जाये ऐसी ही रिम-झिम ऐसी फ़ुवारें ऐसी ही थी बरसात खुद से जुदा और जग से पराये हम दोनों थे साथ फिर से वो सावन अब क्यूँ न आये दिन ढल जाये हाय रात ना जाय तू तो न आए तेरी याद सताये दिन ढल जाये दिल के मेरे पास हो इतने फिर भी हो कितनी दूर तुम मुझ से मैं दिल से परेशाँ दोनों हैं मजबूर ऐसे में किसको कौन मनाये दिन ढल जाये हाय रात ना जाय तू तो न आए तेरी याद सताये दिन ढल जाये --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. //anchor.fm/app --- Send in a voice message: //anchor.fm/theabbie/message Support this podcast: //anchor.fm/theabbie/support

Comments (0)

To leave or reply to comments, please download free Podbean or

No Comments

Version: 20241125