
Wednesday Apr 01, 2020
Ajeeb Dastan Hai Yeh
अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम ये रोशनी के साथ क्यों धुआँ उठा चिराग से ये रोशनी के साथ क्यों धुआँ उठा चिराग से ये ख़्वाब देखती हूँ मैं के जग पड़ी हूँ ख़्वाब से अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम मुबारकें तुम्हें के तुम किसीके नूर हो गए मुबारकें तुम्हें के तुम किसीके नूर हो गए किसीके इतने पास हो के सबसे दूर हो गए अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम किसीका प्यार लेके तुम नया जहाँ बसाओगे किसीका प्यार लेके तुम नया जहाँ बसाओगे ये शाम जब भी आएगी तुम हमको याद आओगे अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. //anchor.fm/app --- Send in a voice message: //anchor.fm/theabbie/message Support this podcast: //anchor.fm/theabbie/support
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