Wednesday Apr 01, 2020

Aane Se Uske Aaye Bahar

आने से उसके आए बाहर जाने से उसके जाए बाहर बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा मेरी ज़िंदगानी है मेरी महबूबा आने से उसके आए बाहर जाने से उसके जाए बाहर बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा मेरी ज़िंदगानी है मेरी महबूबा गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुँघरू कहीं पे आके परबतों से जैसे गिरता हो झरना ज़मीं पे झरनों की मौज है वो मौजों की रवानी है मेरी मेहबूबा मेहबूबा मेरी ज़िन्दगानी है मेरी मेहबूबा बन संवर के निकले आए सावन का जब जब महीना हर कोई ये समझे होगी वो कोई चंचल हसीना पूछो तो कौन है वो रुत ये सुहानी है मेरी मेहबूबा मेरी ज़िन्दगानी है मेरी मेहबूबा मेहबूबा बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. //anchor.fm/app --- Send in a voice message: //anchor.fm/theabbie/message Support this podcast: //anchor.fm/theabbie/support

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